गौ मूत्र से खाद कैसे बनाये ?

गौ मूत्र से खाद कैसे बनाये ? देश में किसानो की आये बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जैविक खेती से किसानो को फसल के उत्पादन के लिए जहा कम खर्च आता है वही उन्हें फसल की अच्छी उपज भी प्राप्त होती है। किसान अपने घर पर ही जैविक खाद तथा कीटनाशक बना सकते है।

गौ मूत्र से खाद कैसे बनाये ?

जिस से उसमे लगने वाली लगत को और काम किया जा सकता है। गौ मूत्र से बना कीटनाशक बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशक से बेहतर और सस्ता है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता दुकानों में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशकों के मुकाबले ज्यादा होती है।

गौ मूत्र से खाद

गौ मूत्र से कीटनाशक दवा कैसे बनाये ?

हमारे देश में किसानो की आये बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जैविक खेती से किसानो को फसल के उत्पादन के लिए जहा कम खर्च आता है वही उन्हें फसल की अच्छी उपज भी प्राप्त होती है। किसान अपने घर पर ही जैविक खाद तथा कीटनाशक बना सकते है।

जिस से उसमे लगने वाली लगत को और काम किया जा सकता है। गौ मूत्र से बना कीटनाशक बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशक से बेहतर और सस्ता है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता दुकानों में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशकों के मुकाबले ज्यादा होती है।

खेतो में इसका छिड़काव करने से अभी तरह के फसल को नुकसान पहुंचने वाले कीटो से निजात पायी जा सकती है। पति खाने वाले, फल छेदन तथा तना छेदक जैसे हानि पहुंचने वाले के लिए इसका उपयोग ज्यादा लाभकारी है। गौ मूत्र कीटनाशक, खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता तथा उसके स्वाद को बनाये रखने में सहायक है। खेती की उर्वरा शक्ति के साथ साथ कृषि पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर विक्लप है।

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गौ मूत्र कीटनाशक घर पर कैसे बनाये ?

फसलों में कई प्रकार के कीटो को नियंत्रित करने के लिए किसान घर पर ही आसानी से गौ मूत्र कीटनाशक बना सकती है। इसे बनाने के लिए 10 लीटर गौ मूत्र में 2 -3 किलो नीम की पत्ती के साथ सीताफल, पपीता, अमरुद एवं करंज की 2 -2 किलो पत्तियां मिला कर उबालना होता है। जब इसकी मात्रा 5 लीटर हो जाये तब इसे ठंडा कर के छान कर बोतल में भर लेते है। इस तरह 10 लीटर गौ मूत्र से आप 5 लीटर गौ मूत्र कीटनाशक तैयार कर सकते है।

फसल पर गौ मूत्र कीटनाशक का छिड़काव कैसे करे ?

दो से ढाई लीटर गौ मूत्र कीटनाशक को 100 लीटर पानी में मिला कर सुबह शाम खड़ी फसल पर 10 से 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करे। गौ मूत्र का छिड़काव करने से फसलों का बीमारियों तथा कीटो से बचाव होता है। गौ मूत्र कीटनाशक का उपयोग कीट के फसल पर हमला करे से पहले अधिक प्रभावशाली होता है।

यह रोग नियत्रक बायो डिग्रेबले है। जो की वातावरण के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके उपयोग से कीटो में इसके प्रति प्रतिरोध क्षमता उत्त्पन्न नहीं होती। क्योकि यह मल्टी एक्शन से कीटो को नियत्रित करता है और गौ मूत्र कीटनाशक से मित्र कीटो को भी कोई हानि नहीं पहुँचती है।

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कृषि विज्ञानिको के अनुसार गौ मूत्र कीटनाशक बनाने के लिए 39 रूपए प्रति लीटर का खर्च आता है। जिसमे इसके एक लीटर पैकेजिंग का खर्च 15 रूपए है। यदि कैन में इसकी पैकेजिंग की जाये तो इसकी लागत और भी काम हो जाती है।

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Updated:- 30 December 2023

घर में खाद कैसे बनाई जाती है?

गौ मूत्र से किसान भाई घर में कीटनाशक बना सकते है।

गाय के पेशाब से क्या बनता है?

गाय के मूत्र से गौ मूत्र कीटनाशक तैयार किया जाता है।

गोमूत्र से कीटनाशक कैसे तैयार किया जाता है?

इसे बनाने के लिए 10 लीटर गौ मूत्र में 2 -3 किलो नीम की पत्ती के साथ सीताफल, पपीता, अमरुद एवं करंज की 2 -2 किलो पत्तियां मिला कर उबालना होता है। जब इसकी मात्रा 5 लीटर हो जाये तब इसे ठंडा कर के छान कर बोतल में भर लेते है। इस तरह 10 लीटर गौ मूत्र से आप 5 लीटर गौ मूत्र कीटनाशक तैयार कर सकते है।

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